विविधता
कैसा होता ये उपवन जो फूल गुलाब ही इसमे खिलता इन्द्रधनुष कैसा होता जो रंग सफ़ेद ही उसमें रहता काली जो ये […]
कल की यादें- कल का वादा
ना राम को देखा, ना सीता को पाया आप ही की सुरत को, प्रभु मूरत सा मन में बसाया ।। आंख खुली तो, […]
अगर जो हम शराब होते
अगर जो हम शराब होते, मधुशाला की चौखट पे सजते गज़लों के शेरों में बसते शाम से लेके सहर तक होते यारी […]
मेरा शहर
यादों की एक पगडंडी मेरे शहर से होके जाती है हर मील के उजड़े पत्थर पर कुछ लम्हों से मिलवाती है एक […]
बेटियाँ
बेटियाँ, बेटियाँ, बेटियाँ ये बेटियाँ पिता का जन्म दूसरा परिवार का ये आसरा कर्मों का वरदान ये पुण्यों की ये प्राप्तियाँ ।। […]
बारिश और उम्र
हर उम्र की बारिश अपनी है कभी तो चाहत कभी मुसीबत कभी दिलाती याद किसी की हर बारिश की ख्वाहिश अपनी है।। […]