हमको भी कुछ यार मिले है

रंग मंच सी इस दुनिया में
जीवन के किरदार मिले हैं
रंग बदलती इस दुनिया में
बेफ़िक्रे दिलदार मिले हैं ।।

हमको भी कुछ यार मिले हैं ।।

केवट को थे राम मिले
सुदामा को है कृष्ण मिले
राम राम जो भजा किया मैं
जुड़ते दिल के तार मिले हैं

हमको भी कुछ यार मिले हैं ।।

प्यार में भीगी गुझिया के
बेपरवाह हिस्सेदार मिले हैं
हर दिन पड़ते तानों के
बेख़ौफ़ भागीदार मिले हैं ।।

हमको भी कुछ यार मिले हैं ।।

पनवारी के खातों में
जनमों के हिसाब मिले हैं
एक दूजे के कपड़ों में
मस्ती के पल चार मिले हैं ।।

हमको भी कुछ यार मिले हैं ।।

सावन की भीगी रातों में
पानी में बहती सड़कों पर
नुक्कड वाली टपरी में
किस्सों के फनकार मिले हैं

हमको भी कुछ यार मिले हैं ।।

चाँद की प्यारी बातों में
आँखों से मिलती आँखों में
देवदास की शक्लों वाले
सारे चुन्नीलाल मिले हैं ।।

हमको भी कुछ यार मिले हैं ।।

सप्तपदी के फेरों में
जन्म जन्म के साथ मिले हैं
जन्मों का तो पता नहीं पर
प्यार से पहले यार मिले हैं ।।

हमको भी कुछ यार मिले हैं ।।

साथ रहे जो हर पंगे में
ऐसे भोले रंगदार मिले हैं
सीने में दफन कई बातों के
निर्मोही हमराज़ मिले हैं ।।

हमको भी कुछ यार मिले हैं

यारी के इन जलसों में
तहज़ीब के चिथड़े चार मिले हैं
रिश्तों की सफ़ेद दीवारों में
रंग भरते रंगरेज मिले हैं ।।

हमको भी कुछ यार मिले हैं ।।

ना जीत में, ना हार में
ना सिक्कों की झनकार में
सुकूं के पल चार मिले हैं  
जहाँ, मुझको मेरे यार मिलेहैं ।।

दिन जीवन के चार मिले है
हमको भी कुछ यार मिले हैं ।।

प्रतीक पागे


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