कुछ कहना चाहता हूं

कुछ कहना चाहता हूं
स्याही में लिपट, कागज पर उतरना चाहता हूं
ख़त बन , हाथों को छू जाना चाहता हूं
शब्दों के झरोखे से, तुझे देखना चाहता हूं
नम आँखों की ओस में, घुल जाना चाहता हूं
गुलाब की पंखुड़ियों सा, पन्नों में सूख जाना चाहता हूं
अतीत के कुछ पन्ने, फिर पलटना चाहता हूं
मेरे नाम की खनक, तेरी धड़कन में सुनना चाहता हूं
कुछ यादों के पल, लौटाना चाहता हूं
तुमसे मिल पाने का,फिर एक बहाना चाहता हूं


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